धुनिवाले दादाजी के बारे में
श्री १००८ केशवानंद जी बड़े दादाजी महाराज अवधूत संत थे ,अवधूत अर्थात जो पूर्णतः पवित्र
हो ,अग्नि जैसा .परमात्मा को जानते हुए जिसकी वृत्ति ब्रम्हाकार हो जाये वो उसमे और
परमात्मा में भेद ना रह जाये.
श्री १००८ केशवानंद जी बड़े दादाजी महाराज के जन्म के विषय में जानकारी उपलबध नहीं है
,१९३० में वे बडवाह से खंडवा आये व ४ दिन बाद ३ दिसंबर १९३० रविवार को महासमाधि ली
.
श्री १००८ केशवानंद जी बड़े दादाजी महाराज ने खंडवा में महासमाधि ले कर इस भूमि को धन्य
किया ,उनके चमत्कारों को कोई समझ नहीं पाया .विश्व में उनके लाखो भक्त है जो श्री दादाजी
की छत्र छाया में आनंदमय रहते हैं.
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