मंदिर के बारे में
आवागमन के साधनः-
हवाई जहाज से जबलपुर।
रेल्वे-पश्चिम मध्य रेल्वे की बीना-कटनी लाइन पर रेल्वे स्टेशन बाँदकपुर, कटनी से आने पर दमोह से पहले एवं बीना की ओर से दमोह से पहली स्टेशन।
सड़क मार्गः-
जबलपुर-दमोह मार्ग पर अभाना से सीधा मार्ग, अभाना से बांदकपुर 15 कि.मी., जिला मुख्यालय दमोह से पूर्व की ओर 15 कि.मी.। बाँदकपुर से बसें-जबलपुर, सागर, इंदौर, कटनी, हटा, पन्ना, सतना, शहडोल।
रूकने की व्यवस्थाः-
शासकीय विश्राम भवन, पर्यटन धर्मशाला, नवीन धर्मशाला, सुविधायुक्त श्री जागेश्वर धाम विश्राम भवन, 15X12 के 3 टीन शेड। धर्मशाला के पास स्नानादि के लिये सुलभ शौचालय काम्पलैक्स, नहाने एवं पीने के पानी के लिए मंदिर परिसर में एवं बाहर 24 घंटे पानी की व्यवस्था है।
मुख्य पर्वः-
गणेश चतुर्थी, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण मास के सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा।
बैंक एवं स्वास्थ्य सेवायेः-
बैंकः-
पंजाब नेशनल बैंक, मध्यांचल ग्रामीण बैंक।
शासकीय अस्पतालः-
शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय, शासकीय उपस्वास्थ्य केंद्र।
प्रशासनिक व्यवस्थाः-
थाना हिण्डोरिया, पुलिस चौकी बाँदकपुर एवं शासकीय अधिकारियों की निगरानी एवं सहयोग रहता है।
प्रबंधनः-
अक्टूबर 1933 में जिला न्यायाधीश जबलपुर द्वारा निर्मित स्कीम के अनुसार संस्थान में 21 सदस्य हैं। वर्तमान में अध्यक्ष एडवोकेट श्री सुरेश मेहता जी, उपाध्यक्ष श्री जगदीश नारायण जी जायसवाल एवं विजय सिंह जी राजपूत हैं। न्यास सभा के सचिव श्री पंकज हर्ष श्रीवास्तव जी हैं।
वित्तीय प्रबंधनः-
चढ़ौत्री राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा संस्था न्यासी पुजारियों के सामने पेटियां खोली जाती हैं, तथा गणना के उपरांत बैंक में जमा होती है एवं अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय की रसीद कार्यालय द्वारा दी जाती है एवं राशि बैंकों में जमा की जाती है तथा सेवा में संलग्न कर्मचारियों को वेतन एवं क्रय की जाने वाली सामग्री के बिल भुगतान चैक द्वारा किए जाते हैं।
संस्थान द्वारा संचालित कार्यः-
संस्कृत वेदांग विद्यालय- योग्य निर्धन, छात्रों को निःशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा, वर्तमान में 90 छात्र हैं।
सदावर्तः-
साधु-संत एवं भूखे व्यक्तियों को भोजन की व्यवस्था की जाती है।
धार्मिक औषधालयः-
अशक्त, दीन, हीन, रोगियों को निःशुल्क औषधि।
गौशालाः-
गौवंश संरक्षणार्थ गौशाला है वर्तमान में 300 नग गौवंश हैं।
आवश्यकता एवं अपेक्षाः-
श्री जागेश्वर धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिसके लिये शासन एवं भक्तों के सहयोग की अपेक्षा है।
विशेषताः-
श्री जागेश्वर धाम में कोई पण्डा नहीं है। श्रद्धालु स्वतंत्रतापूर्वक दर्शन करते हैं, यहां किसी श्रद्धालु को चढ़ावा एवं दक्षिणा के लिये प्रेरित नहीं किया जाता है, जो श्रद्धालु स्वेच्छा से दान देना चाहे मंदिर कार्यालय में राशि जमाकर रसीद प्राप्त करते हैं।
मंदिर के बारे में
आवागमन के साधनः-
हवाई जहाज से जबलपुर।
रेल्वे-पश्चिम मध्य रेल्वे की बीना-कटनी लाइन पर रेल्वे स्टेशन बाँदकपुर, कटनी से आने पर दमोह से पहले एवं बीना की ओर से दमोह से पहली स्टेशन।
सड़क मार्गः-
जबलपुर-दमोह मार्ग पर अभाना से सीधा मार्ग, अभाना से बांदकपुर 15 कि.मी., जिला मुख्यालय दमोह से पूर्व की ओर 15 कि.मी.। बाँदकपुर से बसें-जबलपुर, सागर, इंदौर, कटनी, हटा, पन्ना, सतना, शहडोल।
रूकने की व्यवस्थाः-
शासकीय विश्राम भवन, पर्यटन धर्मशाला, नवीन धर्मशाला, सुविधायुक्त श्री जागेश्वर धाम विश्राम भवन, 15X12 के 3 टीन शेड। धर्मशाला के पास स्नानादि के लिये सुलभ शौचालय काम्पलैक्स, नहाने एवं पीने के पानी के लिए मंदिर परिसर में एवं बाहर 24 घंटे पानी की व्यवस्था है।
मुख्य पर्वः-
गणेश चतुर्थी, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण मास के सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा।
बैंक एवं स्वास्थ्य सेवायेः-
बैंकः-
पंजाब नेशनल बैंक, मध्यांचल ग्रामीण बैंक।
शासकीय अस्पतालः-
शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय, शासकीय उपस्वास्थ्य केंद्र।
प्रशासनिक व्यवस्थाः-
थाना हिण्डोरिया, पुलिस चौकी बाँदकपुर एवं शासकीय अधिकारियों की निगरानी एवं सहयोग रहता है।
प्रबंधनः-
अक्टूबर 1933 में जिला न्यायाधीश जबलपुर द्वारा निर्मित स्कीम के अनुसार संस्थान में 21 सदस्य हैं। वर्तमान में अध्यक्ष एडवोकेट श्री सुरेश मेहता जी, उपाध्यक्ष श्री जगदीश नारायण जी जायसवाल एवं विजय सिंह जी राजपूत हैं। न्यास सभा के सचिव श्री पंकज हर्ष श्रीवास्तव जी हैं।
वित्तीय प्रबंधनः-
चढ़ौत्री राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा संस्था न्यासी पुजारियों के सामने पेटियां खोली जाती हैं, तथा गणना के उपरांत बैंक में जमा होती है एवं अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय की रसीद कार्यालय द्वारा दी जाती है एवं राशि बैंकों में जमा की जाती है तथा सेवा में संलग्न कर्मचारियों को वेतन एवं क्रय की जाने वाली सामग्री के बिल भुगतान चैक द्वारा किए जाते हैं।
संस्थान द्वारा संचालित कार्यः-
संस्कृत वेदांग विद्यालय- योग्य निर्धन, छात्रों को निःशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा, वर्तमान में 90 छात्र हैं।
सदावर्तः-
साधु-संत एवं भूखे व्यक्तियों को भोजन की व्यवस्था की जाती है।
धार्मिक औषधालयः-
अशक्त, दीन, हीन, रोगियों को निःशुल्क औषधि।
गौशालाः-
गौवंश संरक्षणार्थ गौशाला है वर्तमान में 300 नग गौवंश हैं।
आवश्यकता एवं अपेक्षाः-
श्री जागेश्वर धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिसके लिये शासन एवं भक्तों के सहयोग की अपेक्षा है।
विशेषताः-
श्री जागेश्वर धाम में कोई पण्डा नहीं है। श्रद्धालु स्वतंत्रतापूर्वक दर्शन करते हैं, यहां किसी श्रद्धालु को चढ़ावा एवं दक्षिणा के लिये प्रेरित नहीं किया जाता है, जो श्रद्धालु स्वेच्छा से दान देना चाहे मंदिर कार्यालय में राशि जमाकर रसीद प्राप्त करते हैं।