आदिकालीन स्वयंभू शिवलिंग

श्री देव जागेश्वरनाथजी, बाँदकपुर

वर्ष 1933 से सार्वजनिक न्यास द्वारा व्यवस्था संचालित

पट खुलने का समय
अप्रैल से अक्टू. तक नव. से मार्च तक
सुबह 5.30 से दोप. 12 बजे तक सुबह 6 से दोप. 12 बजे
अपरान्ह 3 से रात 10 बजे तक अपरान्ह 3 से रात 9 बजे तक
आरती प्रतिदिन
आरती अप्रैल से अक्टू. तक नव. से मार्च तक
मंगला आरती सुबह 5.30 बजे सुबह 6 बजे
भोग आरती दोप. 12 बजे दोप. 12 बजे
संध्या आरती रात्रि 8 बजे रात्रि 8 बजे
शयन आरती रात्रि 10 बजे रात्रि 9 बजे
प्रतिवर्ष आयोजित विशेष उत्सव
  • मकर संक्रांति पर्व-मेला
  • बसंत पंचमी पर्व-मेला
  • महाशिवरात्रि पर्व-मेला
  • प्रत्येक सोमवती अमावस्या
  • बुद्ध पूर्णिमा को विशेष श्रृंगार पूजा
विशेषताएं
  • शिवलिंग जिसका आकार लगातार बढ़ रहा है।
  • मराठा काल में पुनः स्थापित मंदिर।
  • श्री भैरवनाथजी की नीलम पत्थर की अद्वितीय सिद्ध प्रतिमा।
  • मनोकामना हेतु हाथे लगाना।
  • पदयात्री काँवरियों द्वारा माँ नर्मदा के जल से श्री जागेश्वरनाथजी का अभिषेक एवं पूजन।
सुविधाएं
  • ठहरने हेतु स्वच्छ व अटैच कमरें, हॉल एवं शेड।
  • केंद्रीय पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित सुसज्जित धर्मशाला।
  • काँवरियों के लिए निःशुल्क भोजन, प्रसाद।
  • एम.पी.ऑनलाइन द्वारा बाँदकपुर मंदिर ट्रस्ट में दान देने की सुविधा।
  • https://mponline.gov.inपर लॉग इन करें।
संचालित
  • मान्यता प्राप्त संस्कृत वेदांग विद्यालय।
  • गौशाला जिसमें 600 से अधिक निःसक्त अपाहिज, वृद्ध गौवंश की देखभाल।
पहुँचने की सुविधा
  • बीना-कटनी रेल मार्ग पर स्थित बाँदकपुर रेल्वे स्टेशन।
  • दमोह जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. दूर स्टेट हाई-वे 14।
विशेषः- बाँदकपुर ग्राम को दमोह सांसद मा. प्रहलाद पटेल द्वारा आदर्श ग्राम हेतु गोद लिया गया।